काशी हिंदू विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय में डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती पर भव्य आयोजन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित UGC-HRDC बिल्डिंग में संचालित
डॉ अंबेडकर सेंटर फॉर एक्सीलेंस (DACE)
(सिविल सेवा कोचिंग)परिसर में
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रजिस्टार(DACE) आर के निगम ने कहा कि बाबा साहब समाज में फैले क्रूर व्यवस्था के सुधारक व समाज के चमकते सितारे है तथा उनके संघर्षों के बारे में बताया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ आदेश कुमार मौर्या ने भारतीय संविधान की विशेषता को छात्रों के साथ साझा करते हुए संविधान सभा के दौरान का किस्सा सुनाते हुए कहा संविधान व्यक्तिवादी नहीं होना चाहिए वाक्य एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तमाम संवैधानिक विशेषताएं छात्रों के बीच रखा.
संस्थान के कोऑर्डिनेटर आर एन खरवार ने कहा अंधविश्वास एवं महिला अधिकार व सुकरात का उदाहरण देते हुए बाबा साहब के त्याग एवं आधुनिक भारत के निर्माता कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के रूप में छाप बनाने वाले भारत के शिल्पकार थे बाबा साहब.
DACE के सब कोऑर्डिनेटर पी दलई ने समानता एवं कुरीतियों के बीच संघर्ष करने वाले डॉक्टर अंबेडकर ने संविधान के शिल्पकार के रूप में सबको समान दर्जा दिया राजा राममोहन का उदाहरण देते हुए बाबा साहब को राजनैतिक वैज्ञानिक भारत का महानायक बताया.
DACE के फैकल्टी मेंबर डॉ जितेंद्र परमार ने सिकंदर और दार्शनिक का किस्सा बताते हुए कहा कि सूरज को किसी के सहारे की जरूरत नहीं पड़ती अर्थात बाबा साहब को महान दार्शनिक के रूप में कोट किया.
डॉ मनीष सिंह ने बताते हुए कहा कि बाबा साहब कहते थे प्रकृति ने पृथ्वी पर विभिन्नता (डायवर्सिटी ) बनाया मैं उसको बदल नहीं सकता लेकिन जो समाज में मानव जाति ने विभेद बनाया है मैं उसका विरोध करता हूं
अर्थात मानव एक समान है.
डॉ रत्नेश कुमार शर्मा ने बाबा साहब को महामानव व समाज के महानायक सिंबल ऑफ नॉलेज बताते हुए उदाहरण दिया बाबा साहब इंपासिबल को पॉसिबल करने वाले व्यक्ति थे.
हम बहुत सौभाग्यशाली हैं जिस विश्वविद्यालय में मौजूद है उसे कैपिटल ऑफ नॉलेज कहा जाता है
अर्थात यह संस्थान कैपिटल ऑफ नॉलेज व सिंबल ऑफ नॉलेज का संगम है.
कार्यक्रम में प्रतिभागी छात्र- छात्रा बबीता कुमारी, रोहित राज ,आलोक सोनकर ने भी बाबा साहब द्वारा दिया गया महिला अधिकार और भारतीय संविधान व जन्म परिचय कराते हुए महू (म प्र)से लेकर लंदन-कैलिफर्निया के संघर्षों के बारे में बताया.
रिपोर्ट-विद्याभूषण गौतम
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