झांसी केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में बना सोलर एनर्जी मॉडल
झांसी: महारानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय खुद 30 प्रतिशत बिजली का उत्पादन सौर ऊर्जा से करेगा। इस योजना से हो रही लाखों की बचत।
बुंदेलखंड को झांसी केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय की सौगात 2014 में मिली थी।
2 साल बाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू हो गई थी।
2018 में सौर ऊर्जा का पैनल लगना शुरू हो गया था।
विश्वविद्यालय में 1498 किलो वाट बिजली की सप्लाई की जरूरत पड़ती है।
मौजूदा इंजीनियर गुप्ता के अनुसार विश्वविद्यालय सौर ऊर्जा से लगभग 450 किलो वाट बिजली का उपयोग करता है।
विश्वविद्यालय छात्रावास,प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन और स्टाफ आवास की सप्लाई सौर ऊर्जा द्वारा ही किया जा रहा है।
2020 में पूरे विश्वविद्यालय के लगभग डेढ़ लाख यूनिट बिजली बिल आया था।
जबकि 2021 में 98000 यूनिट बिजली बिल आया था।
ऐसे में विश्वविद्यालय लगभग 29000 यूनिट बिजली बिल की बचत कर रहा है।
2020 की तुलना में 2021 में लगभग सवा दो लाख रुपए की बचत।
मई 2022 तक 70 किलो वाट सोलर पैनल बढ़ाने की योजना है।
कृषि विश्वविद्यालय बुंदेलखंड का एक ऐसा विश्वविद्यालय बन गया है जो खुद 30 फ़ीसदी बिजली सौर ऊर्जा द्वारा उपयोग में ला रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरविंद कुमार के अनुसार भविष्य में और बढ़ाने की योजना।
By- विद्याभूषण गौतम

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